मुंशी प्रेमचंद की सभी कहानियाँ | All Stories of Munshi Premchand in Hindi
Munshi Premchand ki Kahani- मुंशी प्रेमचंद एक ऐसे कथाकार हैं। जिनकी कहानियाँ आज भी पाठक बहुत पसंद करते हैं। प्रेमचंद जी की कहानियों मे कुछ ऐसी बात ही है की आप पूरी कहानी पढ़ें और आप को वो चीज़ महसूस ना हो, ऐसा हो ही नही सकता।
यहाँ पर मैं आप लोगों से कुछ अपने अनुभव साझा करना चाहूँगा और मैं आशा करता हूँ कि आपको शायद जानकार अच्छा जरूर लगेगा। मैं हर साल यही सोंचता रहता था कि कब स्कूल बंद हो और गर्मी की छुट्टियाँ आयें। हम गर्मी की छुट्टी मे नाना नानी के वहाँ जाते थे। और वहाँ मन भरके शरारत करने को मिलता था। और शाम मे मैं नानी से लगभग हर रोज़ नयी कहानी सुनता था। कहानियाँ कम पड़ जाती थीं लेकिन मेरा मन नही भरता था। नानी अक्सर करके अलीबाबा चालीस चोर, चोरों की सभा इत्यादि कहानियाँ हर साल सुनाया करती थीं। उसी श्रेणी मे उन्होने मुझे ईदगाह कहानी भी सुनाई। ईदगाह कहानी मुझे बहुत पसंद आई। लेकिन मुझे इस कहानी का नाम तब नही पता था। क्यूंकी मुझे कहानी सुनने से मतलब था नाम मे कोई आकर्षण ही नही था।
इसके बाद जब मैं कक्षा 5 या 6 मे था मुझे अच्छी तरह याद नही है। जब हमारे हिन्दी पाठ्यक्रम मे ईदगाह कहानी का शुमार हुआ। तब मुझे पता चला की इस कहानी का नाम ईदगाह है। फिर समय के साथ कहानी, कविता से मन भर गया, समय समय के साथ बदलाव आते रहते हैं। मन अब विडियो गेम्स और अन्य जगह लगने लगा था। लेकिन शायद हर किसी को अपना स्वर्णिम बचपन याद आता ही है, जब हम जीवन की वास्तविक सच्चाई के सामने आते हैं। मन अब भी करता है कहानी सुनने का लेकिन अब वो समय ही नही है।
ये कथा प्रेम ही है कि मैं इन कहानियों को अपने और आप लोगों के लिए प्रकाशित कर रहा हूँ। मैं कोशिश करूंगा कि आप लोगों के लिए मैं मुंशी प्रेमचंद की सभी कहानियाँ आपके लिए ला सकूँ। आगे आपके लिए मुंशी प्रेमचंद जी के सभी कथा संग्रह प्रस्तुत हैं।
यहाँ पर मैं आप लोगों से कुछ अपने अनुभव साझा करना चाहूँगा और मैं आशा करता हूँ कि आपको शायद जानकार अच्छा जरूर लगेगा। मैं हर साल यही सोंचता रहता था कि कब स्कूल बंद हो और गर्मी की छुट्टियाँ आयें। हम गर्मी की छुट्टी मे नाना नानी के वहाँ जाते थे। और वहाँ मन भरके शरारत करने को मिलता था। और शाम मे मैं नानी से लगभग हर रोज़ नयी कहानी सुनता था। कहानियाँ कम पड़ जाती थीं लेकिन मेरा मन नही भरता था। नानी अक्सर करके अलीबाबा चालीस चोर, चोरों की सभा इत्यादि कहानियाँ हर साल सुनाया करती थीं। उसी श्रेणी मे उन्होने मुझे ईदगाह कहानी भी सुनाई। ईदगाह कहानी मुझे बहुत पसंद आई। लेकिन मुझे इस कहानी का नाम तब नही पता था। क्यूंकी मुझे कहानी सुनने से मतलब था नाम मे कोई आकर्षण ही नही था।
इसके बाद जब मैं कक्षा 5 या 6 मे था मुझे अच्छी तरह याद नही है। जब हमारे हिन्दी पाठ्यक्रम मे ईदगाह कहानी का शुमार हुआ। तब मुझे पता चला की इस कहानी का नाम ईदगाह है। फिर समय के साथ कहानी, कविता से मन भर गया, समय समय के साथ बदलाव आते रहते हैं। मन अब विडियो गेम्स और अन्य जगह लगने लगा था। लेकिन शायद हर किसी को अपना स्वर्णिम बचपन याद आता ही है, जब हम जीवन की वास्तविक सच्चाई के सामने आते हैं। मन अब भी करता है कहानी सुनने का लेकिन अब वो समय ही नही है।
ये कथा प्रेम ही है कि मैं इन कहानियों को अपने और आप लोगों के लिए प्रकाशित कर रहा हूँ। मैं कोशिश करूंगा कि आप लोगों के लिए मैं मुंशी प्रेमचंद की सभी कहानियाँ आपके लिए ला सकूँ। आगे आपके लिए मुंशी प्रेमचंद जी के सभी कथा संग्रह प्रस्तुत हैं।
मुंशी प्रेमचंद की सभी कहानियाँ | All Stories of Munshi Premchand
यहाँ पर सर्वप्रथम हम मुंशी प्रेमचंद जी के कथा संग्रह मे उपलब्ध कहानियों के बारे मे बात करेंगे। मुंशी प्रेमचंद की कहानियों का संग्रह मानसरोवर के विभिन्न खण्डों मे विभाजित है। जिन्हे हम क्रमवार देखेंगे।
मानसरोवर भाग-1
1. अलग्योझा | 2. ईदगाह |
3. माँ | 4. बेटोंवाली विधवा |
5. बड़े भाई साहब | 6. शांति |
7. नशा | 8. स्वामिनी |
9. ठाकुर का कुआँ | 10. घर जमाई |
11. पूस की रात | 12. झाँकी |
13. गुल्ली-डंडा | 14. ज्योति |
15. दिल की रानी | 16. धिक्कार |
17. कायर | 18. शिकार |
19. सुभागी | 20. अनुभव |
21. लांछन | 22. आखिरी हीला |
23. तावान | 24. घासवाली |
25. गिला | 26. रसिक संपादक |
27. मनोवृत्ति |