सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती पाठ | Complete Durga Saptashati Path in Hindi
Durga Saptashati Path in Hindi: नवरात्रि के दिनों मे माँ दुर्गा की आराधना और उपासना विधिवत रूप से की जाती है। माँ भगवती दुर्गा की आराधना और प्रार्थना के लिए दुर्गा सप्तशती एक ग्रंथ रत्न है, जिससे अनेक भक्तो ने माँ भगवती को खुश करके अपने मनोरथ सिद्ध किए हैं।
इस ग्रंथ के नित्य पाठ से जहां समस्त मनोकामनाओं की सिद्ध होती है, वही भगवती की कृपा और मुक्ति भी सहज ही प्राप्त की जा सकती है। इसलिए प्रत्येक शृद्धालु चाहे वह किसी भी देश, वेश,मत, संप्रदाय से संबन्धित क्यूँ ना हो, दुर्गा सप्तशती का आश्रय ग्रहण कर सकता है।
सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती पाठ | Complete Durga Saptashati Path
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ
- भाग 1
- भाग 2
- 📜 पहला अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 दूसरा अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 तीसरा अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 चौथा अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 पाँचवाँ अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 छठवाँ अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 सातवाँ अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 आठवाँ अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 नौवाँ अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 दसवाँ अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 ग्यारहवाँ अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 बारहवाँ अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- 📜 तेरहवाँ अध्याय - दुर्गा सप्तशती
- भाग 3
माँ दुर्गा अपने भक्तों को असीम शक्ति प्रदान करती है, उनके सभी पापों, दुःख, दरिद्रता आदि को नाश करने वाली है। इसलिए माँ भगवती की उपासना अवश्य करनी चाहिए, इससे सुख, समृद्धि और पुण्य प्राप्ति के साथ साथ मनोकामनाएँ भी पूर्ण हो जाती है। माँ दुर्गा की उपासना और आराधना में श्री दुर्गा सप्तशती पाठ अवश्य करना चाहिए, इससे माँ शीघ्र ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाती है और उनका कल्याण करती है।
FAQ's
1. रोज दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें?
- अधिकतर भक्त जन दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रि के दिनों मे करते है, लेकिन माँ दुर्गा की आराधना के लिए कभी भी श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा सकता है, इसके लिए सबसे पहले मूल नवार्ण मन्त्र, कवच इसके बाद उत्कीलन मन्त्र का जाप के बाद अर्गला स्त्रोत का पाठ करना चाहिए, तत्पश्चात श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। विधि पूर्वक पाठ से ही माँ भगवती सभी कामनाओं की सिद्धि करती हैं।
2. श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ कब करना चाहिए?
- नवरात्रि के दिनों में श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अति उत्तम होता है, क्यूंकी माँ अम्बे की आराधना और उपासना के लिए ये समय उचित होता है, इसका पाठ भी नौ दिनों मे विभाजित करके किया जा सकता है। दुर्गा सप्तशती के ये अध्याय, नवरात्रि के आठवें दिन (अष्टमी) को माँ चंडी के होम के साथ भी पढे जाते हैं।