श्री हनुमान अष्टोत्तर शतनाम नामावली | Shri Hanuman Ashtottara Shatnam Namavali
Hanuman Ashtottara-Shatnam Namavali: भारतीय मनीषी श्री हनुमान जी को ग्यारहवें रुद्र का अवतार मानते हैं। "रुद्रावतारः संजज्ञे वायुपुत्रः प्रतापवान।"
अधर्म का विनाश करके धर्म को पुनः स्थापित करना ही, धरती पर भगवान के अवतार लेने का हेतु होता है। रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है-
जब जब होई धर्म की हानि।
बाढ़हि असुर अधम अभिमानी॥
करहिं अनीति जाइ नहिं बरनी।
सीदहिं बिप्र धेनु सुर धरनी॥
तब तब प्रभु धरि बिबिध सरीरा।
हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा॥
त्रेतायुग के अंत में जब रावण जैसे असुर का संहार करने तथा मानव समाज को सेवा धर्म का आदर्श सिखाने के लिए विष्णु भगवान ने राम के रूप में अवतार लिया तो उनकी सेवा करने के लिए, उनकी सहायता करने के लिए रुद्र रूप ने हनुमान के रूप में अवतार लिया।
"रुद्र देह तजि नेह बस वानरभे हनुमान॥"
भगवान के रूप से भी अधिक महिमा उनके नाम की है, नाम के आधार पर ही स्वरूप का ज्ञान होता है।
देखिअहिं रूप नाम अधीना।
रूप ग्यान नहीं नाम बिहीना॥
रूप बिसेष नाम
बिनु जानें।
करतल गत न परहिं पहिचानें॥
जो व्यक्ति श्री हनुमान जी के 108 नामों से उनकी पुजा करता है, या प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में श्री हनुमान जी के 108 नामों का पाठ करता है। उस पर श्री हनुमान जी की कृपा बनी रहती है तथा उसकी सभी मनोकामनाएँ अवश्य पूर्ण होती है।
श्री हनुमान अष्टोत्तर शतनाम नामावली |
हनुमान अष्टोत्तर शतनाम नामावली
हनुमान जी के 108 नाम संस्कृत मंत्र के साथ
- आंजनेया – ॐ आञ्जनेयाय नमः।
- महावीर- ॐ महावीराय नमः।
- हनूमत- ॐ हनूमते नमः।
- मारुतात्मज- ॐ मारुतात्मजाय नमः।
- तत्वज्ञानप्रद – ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः।
- सीतादेविमुद्राप्रदायक – ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः।
- अशोकवनकाच्छेत्रे- ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः।
- सर्वमायाविभंजन- ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः।
- सर्वबन्धविमोक्त्रे – ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः।
- रक्षोविध्वंसकारक- ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः।
- परविद्या परिहार- ॐ परविद्या परिहाराय नमः।
- परशौर्य विनाशन- ॐ परशौर्य विनाशनाय नमः।
- परमन्त्र निराकर्त्रे – ॐ परमन्त्र निराकर्त्रे नमः।
- परयन्त्र प्रभेदक – ॐ परयन्त्र प्रभेदकाय नमः।
- सर्वग्रह विनाशी – ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः।
- भीमसेन सहायकृथे – ॐ भीमसेन सहायकृथे नमः।
- सर्वदुखः हरा – ॐ सर्वदुखः हराय नमः।
- सर्वलोकचारिणे- ॐ सर्वलोकचारिणे नमः।
- मनोजवाय- ॐ मनोजवाय नमः।
- पारिजात द्रुमूलस्थ – ॐ पारिजात द्रुमूलस्थाय नमः।
- सर्वमन्त्र स्वरूपवते- ॐ सर्वमन्त्र स्वरूपवते नमः।
- सर्वतन्त्र स्वरूपिणे – ॐ सर्वतन्त्र स्वरूपिणे नमः।
- सर्वयन्त्रात्मक – ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः।
- कपीश्वर – ॐ कपीश्वराय नमः।
- महाकाय – ॐ महाकायाय नमः।
- सर्वरोगहरा – ॐ सर्वरोगहराय नमः।
- प्रभवे – ॐ प्रभवे नमः।
- बल सिद्धिकर – ॐ बल सिद्धिकराय नमः।
- सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायक – ॐ सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायकाय नमः।
- कपिसेनानायक – ॐ कपिसेनानायकाय नमः।
- भविष्यथ्चतुराननाय – ॐ भविष्यथ्चतुराननाय नमः।
- कुमार ब्रह्मचारी – ॐ कुमार ब्रह्मचारिणे नमः।
- रत्नकुण्डल दीप्तिमते – ॐ रत्नकुण्डल दीप्तिमते नमः।
- चंचलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वला – ॐ चञ्चलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वलाय नमः।
- गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ – ॐ गन्धर्व विद्यातत्वज्ञाय नमः।
- महाबल पराक्रम – ॐ महाबल पराक्रमाय नमः।
- काराग्रह विमोक्त्रे – ॐ काराग्रह विमोक्त्रे नमः।
- शृन्खला बन्धमोचक – ॐ शृन्खला बन्धमोचकाय नमः।
- सागरोत्तारक – ॐ सागरोत्तारकाय नमः।
- प्राज्ञाय – ॐ प्राज्ञाय नमः।
- रामदूत- ॐ रामदूताय नमः।
- प्रतापवते – ॐ प्रतापवते नमः।
- वानर – ॐ वानराय नमः।
- केसरीसुत – ॐ केसरीसुताय नमः।
- सीताशोक निवारक – ॐ सीताशोक निवारकाय नमः।
- अन्जनागर्भसम्भूता – ॐ अन्जनागर्भ सम्भूताय नमः।
- बालार्कसद्रशानन- ॐ बालार्कसद्रशाननाय नमः।
- विभीषण प्रियकर – ॐ विभीषण प्रियकराय नमः।
- दशग्रीव कुलान्तक – ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः।
- वज्रकाय – ॐ वज्रकायाय नमः।
- महाद्युत – ॐ महाद्युथये नमः।
- चिरंजीविने – ॐ चिरञ्जीविने नमः।
- रामभक्त – ॐ रामभक्ताय नमः।
- दैत्यकार्य विघातक – ॐ दैत्यकार्य विघातकाय नमः।
- अक्षहन्त्रे – ॐ अक्षहन्त्रे नमः।
- कांचनाभ – ॐ काञ्चनाभाय नमः।
- लक्ष्मणप्राणदात्रे – ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः।
- पंचवक्त्र- ॐ पञ्चवक्त्राय नमः।
- महातपसी – ॐ महातपसे नमः।
- लन्किनी भंजन – ॐ लन्किनी भञ्जनाय नमः।
- श्रीमते – ॐ श्रीमते नमः।
- सिंहिकाप्राण भंजन – ॐ सिंहिकाप्राण भञ्जनाय नमः।
- गन्धमादन शैलस्थ – ॐ गन्धमादन शैलस्थाय नमः।
- लंकापुर विदायक – ॐ लङ्कापुर विदायकाय नमः।
- सुग्रीव सचिव – ॐ सुग्रीव सचिवाय नमः।
- धीर – ॐ धीराय नमः।
- शूर – ॐ शूराय नमः।
- दैत्यकुलान्तक – ॐ दैत्यकुलान्तकाय नमः।
- सुरार्चित – ॐ सुरार्चिताय नमः।
- महातेजस – ॐ महातेजसे नमः।
- रामचूडामणिप्रदायक – ॐ रामचूडामणिप्रदायकाय नमः।
- कामरूपिणे – ॐ कामरूपिणे नमः।
- पिंगलाक्ष – ॐ पिङ्गलाक्षाय नमः।
- वार्धिमैनाक पूजित – ॐ वार्धिमैनाक पूजिताय नमः।
- कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय – ॐ कबळीकृत मार्ताण्डमण्डलाय नमः।
- विजितेन्द्रिय – ॐ विजितेन्द्रियाय नमः।
- रामसुग्रीव सन्धात्रे – ॐ रामसुग्रीव सन्धात्रे नमः।
- महारावण मर्धन- ॐ महारावण मर्धनाय नमः।
- स्फटिकाभा – ॐ स्फटिकाभाय नमः।
- वागधीश – ॐ वागधीशाय नमः।
- नवव्याकृतपण्डित- ॐ नवव्याकृतपण्डिताय नमः।
- चतुर्बाहवे -ॐ चतुर्बाहवे नमः।
- दीनबन्धुरा – ॐ दीनबन्धुराय नमः।
- महात्मा – ॐ मायात्मने नमः।
- भक्तवत्सल – ॐ भक्तवत्सलाय नमः।
- संजीवन नगाहर्त्रे – ॐ संजीवननगायार्था नमः।
- सुचये – ॐ सुचये नमः।
- वाग्मिने – ॐ वाग्मिने नमः।
- दृढव्रता – ॐ दृढव्रताय नमः।
- कालनेमि प्रमथन – ॐ कालनेमि प्रमथनाय नमः।
- हरिमर्कट मर्कटा- ॐ हरिमर्कट मर्कटाय नमः।
- दान्त – ॐ दान्ताय नमः।
- शान्त – ॐ शान्ताय नमः।
- प्रसन्नात्मने- ॐ प्रसन्नात्मने नमः।
- शतकन्टमदापहते – ॐ शतकन्टमुदापहर्त्रे नमः।
- योगी – ॐ योगिने नमः ।
- मकथा लोलाय – ॐ रामकथा लोलाय नमः।
- सीतान्वेषण पण्डित – ॐ सीतान्वेषण पण्डिताय नमः।
- वज्रद्रनुष्ट- ॐ वज्रद्रनुष्टाय नमः।
- वज्रनखा – ॐ वज्रनखाय नमः।
- रुद्रवीर्य समुद्भवा – ॐ रुद्र वीर्य समुद्भवाय नमः।
- इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारक – ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नमः।
- पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने – ॐ पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने नमः।
- शरपंजर भेदक – ॐ शरपञ्जर भेदकाय नमः।
- दशबाहवे – ॐ दशबाहवे नमः।
- लोकपूज्य – ॐ लोकपूज्याय नमः।
- जाम्बवत्प्रीतिवर्धन – ॐ जाम्बवत्प्रीतिवर्धनाय नमः।
- सीताराम पादसेवा- ॐ सीतासमेत श्रीरामपाद सेवदुरन्धराय नमः।