ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Brahmacharini Mata ki Aarti Lyrics
ब्रह्मचारिणी माता की आरती
Brahmacharini Mata Aarti |
जय ब्रह्मचारिणी माँ
मैया जय ब्रह्मचारिणी माँ ।
अपने भक्त जानो पर
करती सदा दया ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
दर्शन अनुपम मधुरं
साधना रत रहती ।
शिव जी की आरधना
मैया सदा करती ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
बाहिने हाथ कमंडल
दाहिने में माला ।
रूप जो त्रिमय अद्भुत
सुख देने वाला ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
देवऋषि मुनि साधु
गुण माँ के गाते ।
शक्ति स्वरूपा मैया
सबकुछ तुझको ध्याते ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
संजम तब वैराग्य
प्राणी वो पाता ।
ब्रह्मचारिणी माँ को
निशिदिन जो ध्याता ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
नवदुर्गाओं में मैया
दूजा तुम्हारा स्वरूप ।
स्वेत वस्त्र धारिणी माँ
ज्योतिर्मय तेरा रूप ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
दूजे नवरात्रे मैया
जो तेरा व्रत धरे ।
करके दया जगजननी
तू उसको तारे ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
शिव प्रिय शिवा ब्राह्मणी
हमपे दया करियो ।
बालक है तेरे ही
दया दृष्टि रखियो ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
शरण तिहारी आये
ब्रम्हाणी माता ।
करुणा हमपे दिखाओ
शुभ फल की दाता ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
माँ ब्रह्मचारिणी की आरती
जो कोई गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी
मनवांछित फल पावे ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ ॥
जय ब्रह्मचारिणी माँ
मैया जय ब्रह्मचारिणी माँ ।
अपने भक्त जानो पर
करती सदा दया ॥
नवरात्रि के द्वितीय दुर्गा माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा स्तुति में कुछ भक्त जन इस आरती के अतिरिक्त जय अम्बे ब्रहमचारिणी माता आरती का गायन करते हैं। इसलिए माँ ब्रहम्चारिणी की दूसरी आरती भी निमन्वत प्रकाशित है।
Jay Ambe Brahmacharini Mata... Aarti
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