एन० सी० सी० सम्मान एवं पुरस्कार (N.C.C. Honours and Awards)
एन० सी० सी०: सम्मान एवं पुरस्कार (N.C.C. : Honours and Awards)
सेना की भाँति एन० सी० सी० में भी सम्मान एवं पुरस्कार का प्रारम्भ सन 1984 में हुआ। ये पुरस्कार एन० सी० सी० के ऑफिसर्स, ए० एन० ओ० कैडिट्स को प्रदान किये जाते हैं। ये पुरस्कार निम्नलिखित हैं–
(1) रक्षा मन्त्री पदक– यह पदक सन् 1989 से रक्षा मन्त्री द्वारा दिया जाता है।
(2) रक्षा मन्त्री प्रशंसा पत्र– यह प्रशंसा पत्र सन् 1989 से रक्षा मन्त्री द्वारा दिया जाता है।
(3) रक्षा सचिव प्रशंसा पत्र– यह प्रशंसा पत्र सन् 1984 से रक्षा सचिव द्वारा दिया जाता है।
(4) महानिदेशक प्रशंसा पत्र– यह प्रशंसा पत्र सन् 1984 से डायरेक्टर जनरल एन० सी० सी० के द्वारा दिया जाता है।
यह सभी सम्मान एवं पुरस्कार एन० सी० सी० दिवस पर प्रतिवर्ष घोषित किये जाते हैं और आर० डी० कैम्प दिल्ली में प्रदान किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त श्रेष्ठ कैडिटों को विभिन्न राज्यों द्वारा राज्यपाल स्वर्ण पदक, राज्यपाल रजत पदक, मुख्यमन्त्री स्वर्ण पदक, मुख्यमन्त्री रजत पदक और नगद धनराशि प्रदान की जाती है।
(5) वार्षिक सहारा छात्रवृत्ति–
(अ) जूनियर डिवीजन विंग– कक्षा 10 पास एन० सी० सी० कैडिट्स को ग्रुप स्तर पर दो छात्रवृत्तियाँ 5,000/रु. के रूप में प्रतिवर्ष प्रदान करती है।
(ब) सीनियर डिवीजन विंग– कक्षा 10+2 पास उत्तीर्ण तथा स्नातक क्लास में नियमित रूप से अध्ययनरत एन० सी० सी० कैडिट्स को प्रत्येक ग्रुप स्तर पर दो छात्रवृत्तियाँ 13,000/- रु. के रूप में प्रतिवर्ष प्रदान करती हैं।
(स) दूसरे क्षेत्रों में– कक्षा 10+2 उत्तीर्ण ऐसे एन० सी० सी० कैडिट्स जो इंजीनियरिंग, मेडिकल, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन तथा होटल मैनेजमेण्ट में अध्ययनरत हैं, उन्हें छात्रवृत्तियाँ रू 30,000/- रु. के रूप में प्रदान की जाती हैं।
(6) बैस्ट कैडिट सम्मान– जूनियर विंग, सीनियर विंग के ग्रुप स्तर पर सर्वश्रेष्ठ चार कैडिटों को 3,500-3,500 रुपये के पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं और द्वितीय सर्वश्रेष्ठ चार कैडिटों को 2,500-2,500 रुपये प्रदान किये जाते हैं। कैडिट्स का चयन सामान्य ज्ञान परीक्षा, सर्विस सब्जेक्ट परीक्षा एवं साक्षात्कार द्वारा किया जाता है।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जातियों से सम्बन्धित आवेदकों को 5 प्रतिशत अंकों की छूट दी जाती है।
प्रतिवर्ष जुलाई मास में एन० सी० सी० निदेशालय द्वारा स्थानीय समाचार-पत्रों में उपर्युक्त विज्ञापन दिये जाते हैं। इच्छुक कैडिट्स को पास के एन० सी० सी० यूनिट से फार्म लेकर विधिवत् भरकर यूनिट के कमान अफसर के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए।
(7) युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम– अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर समझ तथा जानकारी बढ़ाने के लिए एन० सी० सी० ग्यारह देशों अर्थात् आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, कनाडा, मालद्वीप, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, त्रिनिडाड व टोबेगो तथा यूनाइटेड किंगडम के युवा संगठनों/एन० सी० सी० के साथ आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित करती है। इस आदान-प्रदान कार्यक्रम में पारम्परिक रूप से 24 कैडिट एक सप्ताह से तीन महीने तक की अवधि के लिए एक दूसरे के देश में जाते हैं। कैडिट वहाँ सामुदायिक विकास सम्बन्धी कार्य करते हैं तथा उस युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के सदस्य देश के इतिहास, संस्कृति एवं सामाजिक, आर्थिक स्थितियों का अध्ययन करते हैं।
(8) ड्यूक ऑफ एडिनबरा पुरस्कार योजना– इस योजना का मुख्यालय लन्दन में है, इसके अन्तर्गत एन० सी० सी० कैडिटों को पुरस्कार प्रदान करने के लिये एन० सी० सी० संगठन को एक स्वतनत्र प्राधिकरण के रूप में मान्यता दी है। इस योजना के अन्तर्गत व्यावहारिक, सांस्कृतिक तथा साहसिक क्रिया-कलापों के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। समाज सेवा भी इस योजना का अंग है। निर्धारित स्तर प्राप्त कर लेने वाले कैडिटों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक तथा प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाते हैं।
(9) कैडिट वैलफेयर सोसाइटी द्वारा जोखिम भरपाई– कैडिट वैलफेयर सोसाइटी का गठन फरवरी, 1985 में हुआ। एन० सी० सी० द्वारा संगठित रूप में आयोजित क्रियाकलापों के दौरान मृत्यु या 100 प्रतिशत विकलांगता हो जाने पर हर्जाना निम्न प्रकार देय होगा–
एन० सी० सी० क्रियाकलाप | मृत्यु होने पर | स्थायी विकलांगता (100%) | अस्थायी विकलांगता |
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अत्यधिक साहसिक सामान्य |
4 लाख रुपए 3.5 लाख रुपए |
4 लाख रुपए 3.5 लाख रुपए |
1.75 लाख रुपए 1.75 लाख रुपए |