भारत के त्यौहार - Festivals of India
भारत के त्यौहार (Festivals of India)
सामान्यतया सभी त्यौहार एक ही समूह से सम्बन्ध रखते थे। समय के साथ-साथ यह अलग हो गए।
(a) राष्ट्रीय त्यौहार
यह त्यौहार आमतौर पर कुछ घटनाओं या त्याग से सम्बन्धित होते हैं। यदि इन त्यौहारों को सही तरीके से एवं एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के साथ मनाया जाए तो यह उत्सव राष्ट्रीय एकता में सहायक सिद्ध हो सकते हैं, जो किसी भी प्रकार से इन त्यौहारों को मनाने का एक उद्देश्य होता है।
भारत के कुछ राष्ट्रीय त्यौहार निम्नलिखित हैं–
(i) गणतंत्र दिवस– गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 ई० से मनाया जा रहा है, जिस दिन से भारत का संविधान प्रभाव में आया था। इसने भारत सरकार अधिनियम, 1935 की जगह भारत सरकार के दस्तावेज की तरह ली थी। संविधान को भारतीय संविधान सभा ने 26 जनवरी, 1949 को स्वीकार किया था और यह 26 जनवरी, 1950 को लोकतांत्रिक सरकारी प्रणाली के साथ प्रभाव में आया।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है; क्योंकि 1930 में इस दिन भारतीय गणतंत्र (पूर्ण स्वराज) की घोषणा हुई। इसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के प्रभुत्व के विरोध में घोषित किया। सभी राज्यों में परेड का आयोजन किया गया, सबसे बड़ी परेड नई दिल्ली में देश के पराक्रम को प्रदर्शित करते हुए आयोजित की गई।
(ii) स्वतंत्रता दिवस– स्वतन्त्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है ओर इसे राष्ट्रीय त्यौहार की तरह मनाया जाता है। यह 15 अगस्त, 1947 से ब्रिटिश सरकार से राष्ट्र की आजादी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के नेतृत्व में अहिंसात्मक आंदोलन के द्वारा भारत ने आजादी प्राप्त की। 15 अगस्त, 1947 ई० को जवाहरलाल नेहरू जो उस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे, ने भारत का तिरंगा झण्डा दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट पर फहराया। स्वतंत्रता दिवस पूरे भारत में तिरंगा झण्डा फहराकर परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर सृद्धापूर्वक मनाया जाता है। विद्यालयों व सरकारी कार्यालयों में मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं और पूरे देश में देशभक्ति का जोश जगाया जाता है।
(iii) गाँधी जयंती– गाँधी जयंती प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को मोहनदास कर्मचन्द गाँधी के जन्मदिवस के रूप में मनायी जाती है। यह भारत के तीन राष्ट्रीय दिवसों में से एक है। यह सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मनायी जाती है। गाँधी जयंती पूरे भारत में उनकी प्रार्थना सेवा और श्रद्धांजलि के द्वारा मनायी जाती है। विशेषतया दिल्ली में गाँधी जी की याद में जहाँ उनका अंतिम संस्कार किया गया था, मनाई जाती है। लोकप्रिय गतिविधियों में स्मारक समारोह, प्रार्थना समारोह के रूपों में विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों, सरकारी संस्थाओं, सामाजिक एवं राजनीतिक संस्थाओं के द्वारा आयोजित की जाती है। चित्रकारी, निबन्ध लेखन प्रतियोगिताएँ रखी जाती हैं और विद्यालयों में प्रोजेक्ट्स के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। शांति को दर्शाने वाले, अहिंसा और भारत की आजादी के संघर्ष में गाँधी जी का भजन “रघुपति राघव राजा राम” उनकी याद में अक्सर गाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में 15 जून, 2017 को एक संकल्प लिया गया कि 2 अक्टूबर को अंहिसा दिवस के रूप में अर्न्तराष्ट्रीय दिवस मनाया जाएगा।
(b) धार्मिक त्यौहार–
यह प्रत्येक धर्म पर लागू होने वाले लोकप्रिय धार्मिक मान्यताओं, रिवाजों और प्रथाओं से सम्बन्धित हैं। यह त्यौहार देवताओं, भगवानों और उनकी प्रार्थनाओं के इर्द गिर्द घूमते हैं। कुछ बड़े धार्मिक त्यौहार जो भारत में मनाए जाते हैं, निम्न प्रकार हैं–
(i) दीपावली– दीपकों का त्यौहार, दीवाली भारत में बहुत बड़े क्षेत्र में अलग-अलग जातियों व धर्मों के द्वारा सांस्कृतिक त्यौहार की तरह मनाया जाता है। दीपकों का त्यौहार भगवान राम के वनवास से उनके अयोध्या आने की खुशी में मनाया जाता है। इस त्यौहार पर सभी के घर जगमगाती रोशनी, दीपक और रंगोली से सजाए जाते हैं। शाम को माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जो कि धन की देवी की प्रतीक हैं। उसके बाद पटाखे जलाकर इस त्यौहार का समापन किया जाता है। दिवाली का त्यौहार हमारे देश के उत्तरी क्षेत्र में श्रेष्ठतम रूप से मनाया जाता है।
(ii) गुरु पर्व– गुरु पर्व गुरुओं के जीवन के ऊपर मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह एक खुशी का त्यौहार है, जो बड़े उत्साह से सिक्खों द्वारा मनाया जाता है। गुरुद्वारे को फूलों, झण्डियों और रोशनी से सजाया जाता है और सभी सिक्ख नयी एवं सुन्दर पोशाकें पहनकर मुख्य सेवाओं के लिए एक साथ एकत्रित होते हैं। गुरु ग्रन्थ साहिब के भजन गाये जाते हैं। गुरुओं की प्रशंसा में कविताएँ पढ़ी जाती हैं और सिक्ख धर्म पर भाषण दिए जाते हैं। लंगर इस त्यौहार का एक मुख्य भाग है। लोग एक साथ इस त्यौहार के लंगर का प्रसाद खाने के लिए एकत्रित होते हैं जो कि स्वाद में मीठा होता है और उनकी मान्यता अनुसार आशीर्वाद से भरपूर होता है एवं प्यार से परोसा जाता है। मुफ्त खाना (लंगर) गुरुद्वारों में परोसा जाता है।
(iii) इदुलफितर– यह भारत का एक बड़ा धार्मिक त्यौहार है। ईद और व्रत करने का महीना जिसे रमजान के नाम से जाना जाता है पूरे देश में लाखों मुस्लिमों द्वारा मनाया जाता है। इस समय मुस्लिम दोस्त होना एक अच्छे लाभ की बात है। क्योंकि हम रमजान की हर शाम को इफ्तार पार्टी का आनन्द ले सकते हैं और हम स्वादिष्ट मिठाइयाँ ईद के दिन खा सकते हैं। लखनऊ, दिल्ली और हैदराबाद जैसे शहरों में यह त्यौहार आनन्द और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार भाईचारे का प्रतीक होता है और भारत की सांस्कृतिक विशिष्टता को दर्शाता है।
(iv) दशहरा– दशहरा हिन्दुओं का त्यौहार है जो कि भगवान राम की राक्षसों के राजा रावण के ऊपर जीत और सच्चाई की बुराई पर जीत के लिए मनाया जाता है। हिन्दुओं के बहुत से लोग अपनी आस्था का निरीक्षण करते हुए दशहरा पर विशेष प्रार्थनाएँ करते हैं, और भगवान को घर पर या मंदिर में खाने का भोग अर्पण करते हैं। बहुत सारे लोग रावण के पुतले जलाकर मेलों का आयोजन करते हैं। उत्तरी भारत में रामलीला (रामायण का छोटा रूप) के प्रदर्शन रखे जाते हैं।
(v) बुद्ध पूर्णिमा– बुद्धों के लिए यह उनके जीवन का बहुत बड़ा दिन होता है। बौद्धों की दुनिया में बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म दिन और मृत्यु के प्रबोधन के रूप में मनाया जाता है। भारत गौतम बुद्ध के प्रबोधन और मृत्यु का स्थान है। इसे बौद्धों और उनके अनुयायियों के द्वारा उनके जीवन के बहुत बड़े त्यौहार एवं उनके उपदेशों के पालन के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक बौद्ध एक साथ पास के मंदिरों में फूलों, मोमबत्तियों के साथ जमा होते हैं, प्रार्थना करते हैं एवं भजन गाते हैं। बिहार में बोधगया इस त्यौहार पर उत्सव देखने का श्रेष्ठ स्थान है।
(vi) क्रिसमस– क्रिसमस जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के रूप में 25 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह दुनिया में एक बहुत बड़े स्तर पर एवं व्यापक रूप से मनाया जाने वाला सांस्कृतिक एवं धार्मिक त्यौहार है। क्रिसमस भारत में भी उतने ही उत्साह एवं जोश से मनाया जाता है। सजे हुए चर्च, सेंटाक्लाज और क्रिसमस की शाम के तोहफे इस उत्सव को मनाने का मुख्य हिस्सा हैं, जो कि न केवल ईसाइयों द्वारा बल्कि अन्य धर्म के व्यक्तियों द्वारा भी मनाया जाता है। पुराना गोवा, मेघालय एवं कोचीन क्रिसमस की सुंदरता का अनुभव करने के लिए श्रेष्ठतम स्थान है। जहां हम सुन्दर चर्चों का भ्रमण और गली-गली में इस उत्सव को मनाने का उत्साह देखते हैं। जो कि भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में अक्सर दिखाई नहीं देता है।
(vii) महावीर जयंती– महावीर जयंती, महावीर स्वामी के जन्म कलनायक के नाम से जानी जाती है जो कि जैनियों का बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह महावीर के जन्म उत्सव के रूप में जो कि 24 वें और आखिरी तीर्थंकर थे, मनायी जाती है। महावीर जी की मूर्ति रथ में ले जायी जाती है और इस प्रक्रिया को “रथ यात्रा” कहते हैं। रास्ते में धार्मिक कविताएँ पढ़ी जाती हैं। महावीर जी की मूर्ति को अनुष्ठानिक तौर पर स्नान करवाया जाता है, जिसे अभिषेक कहते हैं। जैन समाज के सभी लोग इस दिन धर्मार्थ कार्यों में संलग्न रहते हैं। सभी भक्त महावीर जी का ध्यान और प्रार्थना करते हैं। मुनियों और साध्वियों द्वारा मंदिरों में भाषण दिये जाते हैं, जो कि जैन धर्म के रास्ते पर चलने का उपदेश देते हैं। दान एकत्रित किया जाता है, दान को प्रोत्साहन देने के लिए और दान के मिशन जैसे गायों का वध न करने से रोकना और गरीब लोगों की सहायता करने जैसे कार्यों को बढ़ावा दिया जाता है।
(c) सामाजिक त्यौहार–
यह सामान्य रूप से सामाजिक रीति-रिवाजों से जुड़े होते हैं। जिनका आधार कृषि की गतिविधियों और मानसून में परिवर्तन से सम्बन्धित होता है। यह लोगों के व्यवसाय से सम्बन्धित भी हैं। जैसे पशुपालन, फौजी, उद्योग, मजदूर या लेबर आदि। इनमें से कुछ त्यौहार एक निर्धारित समय के लिए धार्मिक त्यौहारों से जोड़ दिए गए और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाए जाते हैं। भारत के विभिन्न भागों में कुछ इस तरह के त्यौहार हैं जो निम्न प्रकार हैं–
(i) होली– यह रंगों के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है, जो कि अच्छाई (राजकुमार प्रह्लाद) की बुराई (होलिका) पर विजय की और बसंत ऋतु के आने का प्रतीक है। होली भारत का एक बहुत ही लोकप्रिय त्यौहार है, जोकि हमारे देश में बहुत ही जोश के साथ मनाया जाता है। होली की शाम को लोग एकत्रित होकर एक बहुत बड़ी होलिका बनाते हैं और उसके चारों ओर नाचते एवं गाते हैं। होली के दिन सभी लोग एक खुले स्थान पर एकत्रित होते हैं, और एक-दूसरे पर गीले एवं सूखे कई प्रकार के रंग और पानी की बंदूक और रंग-बिरंगे पानी से भरे गुब्बारे फोड़ते हैं।
(ii) रक्षाबंधन– यह भारत के लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है। यह बहन-भाई के पवित्र सम्बन्ध को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। भाई-बहन के सम्बन्ध को दर्शाने के लिए बहन अपने भाई की आरती करती है, तिलक लगाती है और राखी बाँधकर उसकी कुशलता की कामना करती है और भाई उसके बदले में उसकी रक्षा का वचन देता है। राखी से मिलता-जुलता एक अन्य त्यौहार भाईदूज है जो दीवाली के बाद आता है।
(iii) लोहड़ी– लोहड़ी सर्दियों के समय का एक लोकप्रिय पंजाबी त्यौहार है जो कि पहले सिक्ख और हिन्दुओं द्वारा भारत का उपमहाद्वीप पंजाब क्षेत्र में मनाया जाता है। यह त्यौहार पंजाब क्षेत्र से सम्बन्धित है। कई लोगों की मान्यता है कि यह त्यौहार शीतकाल समापन के लिए मनाया जाता है। यह सर्दी के मौसम के अंत को दर्शाता है और हिन्दू और सिक्खों द्वारा बड़े दिनों के आने और सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध पर जाने की यात्रा की परम्परागत स्वागत है, जो कि भारत के उपमहाद्वीप उत्तरी क्षेत्र में मनाया जाता है।
(iv) ओणम– यह भारत के मुख्य त्यौहारों में से एक है जिसमें लोग परम्परागत पोशाक पहनते हैं। अपने घरों को पोकलम (पुष्प डिजाइन) से सजाते हैं और ओणासध्या ( 11-13 पकवानों का मिश्रण) बनाते हैं। वल्लमकली (स्नेक बोट रेस), काईकातीकली (क्लैप डांस), कथकली नृत्य, पुलीकली जुलूस (कलाकार टाइगर और शिकारी जैसे कपड़े पहने हुए) और हाथी जुलूस जैसे प्रोग्राम रखे जाते हैं। यह त्यौहार महान् राजा महाबली के घर आने की खुशी में मनाया जाता है।
(v) बीहू– बीहू भारत के उत्तर-पूर्वी भागों में लोकप्रिय त्यौहारों में एक है। बीहू किसानों का त्यौहार है। यह असमियों को नये साल का पारम्परिक उत्सव है। युवा पुरुष एवं महिलाएँ परम्परागत पोशाके पहनते हैं। गाँव के खेतों और आँगन में बीहू नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। बहुत धूमधाम से एक सामूहिक भोज का आयोजन किया जाता है।