एन० सी० सी० की प्रशासनिक व्यवस्था– Administration of NCC

एन० सी० सी० की प्रशासनिक व्यवस्था (Administration of NCC)

Administration of NCC

एन० सी० सी० संगठन की प्रशासनिक व्यवस्था रक्षा मंत्रालय के माध्यम से की जाती है। रक्षा सचिव रक्षा मंत्रालय इसके पूर्ण रूपेण प्रभारी हैं जो एन० सी० सी० के सुचारु संगठन के लिए पूर्ण रूप से भारत सरकार के प्रति उत्तरदायी हैं।

एन० सी० सी० का मुख्यालय या महानिदेशालय नई दिल्ली में है। इस मुख्यालय को कमाण्ड करने वाला अधिकारी डायरेक्टर जनरल एन० सी० सी० कहलाता है, जो लेफ्टीनेण्ट पद का अफसर होता है। यह सीधे भारत सरकार के रक्षा मन्त्रालय के प्रति उत्तरदायी होता है। महानिदेशक के अधीन भारत के विभिन्‍न राज्यों में उप महानिदेशक एन० सी० सी० कार्यरत हैं, जो ब्रिगेडियर के समकक्ष पद के अफसर होते हैं। इनका मुख्यालय राज्य की राजधानी या राज्य के किसी बड़े शहर में स्थित होता है।

उप महानिदेशक एन० सी० सी० के अधीन विभिन्‍न ग्रुप कमाण्डर्स होते हैं। इनका पद कर्नल का होता है। इन ग्रुप कमाण्डर के अधीन 5 से 7 तक एन० सी० सी० की बटालियन होती हैं, जिनको लेफ्टीनेण्ट कर्नल पद का अफसर कमाण्ड करता है। प्रत्येक बटालियन में कई कम्पनियाँ होती हैं, जिनको एन० सी० सी० आफीसर, जिनका पद सेकण्ड लेफ्टीनेण्ट से लेकर मेजर तक होता है, कमाण्ड करते हैं। एन० सी० सी० अफसरों को प्रशिक्षण देने के लिए निम्नलिखित दो संस्थान कार्यरत हैं–

  1. ऑफीसर्स ट्रेनिंग स्कूल, काम्पटी (महाराष्ट्र), तथा
  2. एन० सी० सी० कॉलेज फॉर वुमैन, ग्वालियर (म० प्र०)।
उपरोक्त दोनों संस्थान सीधे डायरेक्टर जनरल एन० सी० सी० के अधीन हैं।

एन० सी० सी० की प्रशासनिक व्यवस्था 

रक्षा मन्त्रालय

डायरेक्टर जनरल एन० सी० सी०
(लेफ्टीनेण्ट जनरल) 
मुख्यालय नई दिल्ली में 
डिप्टी डायरेक्टर जनरल एन० सी० सी० 
(ब्रिगेडियर/समकक्ष) 
मुख्यालय राज्य की राजधानी या बड़े शहर में 
ग्रुप कमाण्डर एन० सी० सी० (कर्नल के समकक्ष) 
मुख्यालय राज्य के विभिन्‍न बड़े शहरों में 
बटालियन कमाण्डर (लेफ्टीनेण्ट कर्नल) 
मुख्यालय राज्य के विभिन्‍न नगरों/कस्बों में 
कम्पनी/प्लाटून कमाण्डर 
सेकेण्ड लेफ्टीनेण्ट से मेजर पद के समकक्ष 
एन० सी० सी० अफसर 
मुख्यालय विभिन्‍न स्कूल/कॉलेजों में

एन० सी० सी० कम्पनी (N.C.C. Company)

सीनियर डिवीजन एन० सी० सी० कम्पनी में 160 (124 + 36) कैडिट्स होते हैं। कम्पनी में एक सीनियर ऑफीसर, 3 अण्डर ऑफीसर, 5 सारजेण्ट (एक सी० एस० एम०, एक सी० क्यू० एम० एस० एवं तीन सार्जेण्ट), 9 कारपोरल एवं 18 लान्स कारपोरल के पद होते हैं। कम्पनी कमाण्डर लेफ्टीनेण्ट से लेकर मेजर रैंक तक ए० एन० ओ० होते हैं। जूनियर डिवीजन में एक ट्रूप में 100 कैडिट्स होते हैं। ट्रूप कमाण्डर थर्ड ऑफीसर से लेकर चीफ ऑफीसर रेंक के ए० एन० ओ० होते हैं। कैडिट्स में लान्स कारपोरल एवं ट्रूप सार्जेण्ट के पद होते हैं। 

प्रशिक्षण स्टाफ (Training Staff) 

एन० सी० सी० में निम्नलिखित स्तरों पर प्रशिक्षण दिया जाता है–

(1) नियमित एवं पूर्णकालिक अफसर– प्रथम स्तर पर थल सेना, नौसेना एवं वायुसेना के नियमित अफसर पूर्णकालिक एन० सी० सी० अफसर एवं पूर्णकालिक महिला अफसर होते हैं। वे प्रशिक्षण के संचालन के लिए सम्पूर्ण निर्देश देते हैं तथा निगरानी रखते हैं।

(2) सहयोगी एन०सी०सी० अफसर– द्वितीय स्तर पर महिला और पुरुष ए०एन०ओ० आते हैं। ये ए. एन. ओ. स्कूलों/कालेजों के अध्यापक/लेक्चरर/प्रोफेसर होते हैं जो अपने-अपने संस्थानों से कैडिटों के रूप में भरती छात्रों के विषय में प्रशिक्षण तथा सम्बन्धित क्रियाकलापों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सहयोगी एन० सी० सी० अफसरों को प्रशिक्षण देने के लिए निम्नलिखित दो संस्थाएँ कार्यरत हैं–
  1. ऑफीसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, काम्पटी (महाराष्ट्र), 
  2. वुमैन ऑफीसर ट्रेनिंग एकेडमी, ग्वालियर (म० प्र०)। 
यह दोनों संस्थाएँ सीधे महानिदेशक एन० सी० सी० के अधीन हैं।
(3) जे० सी० ओ०,  एन० सी० ओ० तथा नौसेना और वायुसेना में उनके समकक्ष– ये संस्थागत सेवा प्रशिक्षण के वास्तविक संचालन के लिए आधारभूत स्टाफ का गठन-करते हैं।
(4) छात्रा कैडिट प्रशिक्षण अनुदेशिका– छात्रा कैडिटों को संस्थागत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये इनको विभिन्‍न एन० सी० सी० छात्रा बटालियनों में नियुक्त किया गया है। विभिन्न संगठित शिविरों एवं साहसिक क्रियाकलापों में छात्रा कैडिटों को यह सुरक्षा तथा मार्गरक्षण प्रदान करती हैं। 
(5) सिविल ग्लाइडिंग अनुदेशक– एन० सी० सी० कैडिटों को ग्लाइडिंग का अनुदेशात्मक प्रशिक्षण देने हेतु एयर स्क्‍वाड्रनो के पास सिविल ग्लाइडिंग अनुदेशक हैं जो कि संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। 
(6) पोत मॉडलिंग अनुदेशक एवं एयर मॉडलिंग अनुदेशक–  आमतौर पर ये भूतपूर्व प्रशिक्षित एन० सी० सी० कैडिट होते हैं। वे पोतों, नौकाओं के मॉडल एवं एयर मॉडल बनाने में नौसेना एवं वायु स्कंध कैडिटों की सहायता करते हैं।

एन० सी० सी० के लिए निधि (N. C. C. Fund) 

एन० सी० सी० क्रियाकलापों के लिए निम्न रूप से निधि की व्यवस्था की जाती है–
(अ) रक्षा मंत्रालय– यह समस्त स्टाफ के वेतन एवं भत्ते, सभी एन० सी० सी० को दिए जाने वाले छोटे शस्त्रों के लिए गोला-बारूद, कैडिटों के लिए वस्त्र एवं वर्दी की मदों, साहसिक्र क्रियाकलापों के लिए सहायक, सभी मुख्य उपस्करों; जैसे– ग्लाइडर, ट्रैकिंग एवं पर्वतारोहण सम्बन्धी किट, घोड़े, नौकाओं आदि के लिए सम्पूर्ण बजट प्रदान करता है और सभी शिविरों का 50 प्रतिशत व्यय प्रदान करता है। एन० सी० सी० मुख्यालय और राज्य निदेशालयों के सिविलियन स्टाफ को वेतन और भत्ते भी दिए जाते हैं।

(ब) राज्य सरकार– राज्य सरकारों की ओर से ए० एन० ओ० का पूरा प्रशिक्षण, धुलाई एवं पॉलिश भत्ते, ईंधन पर होने वाला व्यय, ग्रुप मुख्यालय तथा एन० सी० सी० यूनिटों आदि के भवनों का किराया एवं शिविरों का 50 प्रतिशत व्यय वहन किया जाता है। 

मुख्य क्रियाकलाप (Main Activities) 

सी० सी० दिवस (N.C.C. Day)– यह प्रतिवर्ष नवम्बर माह के चौथे रविवार को मनाया जाता है। दिल्ली में अमर जवान ज्योति इंडिया गेट पर माल्यार्पण समारोह, किसी समसामयिक विषय पर व्याख्यान एवं साहसिक अभियान जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 

गणतन्त्र दिवस शिविर (R. D. C.)– प्रतिवर्ष यह शिविर 5 जनवरी से गैरीसन परेड ग्राउण्ड, दिल्ली छावनी में आयोजित किया जाता है। इसमें देश भर के लगभग 1700 कैडिटों के साथ सभी 17 निदेशालय एवं युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के अन्तर्गत कुछ मित्र राष्ट्रों के कैडिट भी भाग लेते हैं। 

स्वतंत्रता दिवस शिविर (I. D. C.)– एन० सी० सी० पाठ्यक्रम में खेलों को सम्मिलित करने के साथ स्वतंत्रता दिवस शिविर का आयोजन प्रतिवर्ष अगस्त माह में राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। सभी एनo सी० सी० निदेशालयों से खिलाड़ी इसमें भाग लेते हैं। प्रथम बार एन० सी० सी० खेल 6 अगस्त से 15 अगस्त, 1997 तक आयोजित किए गए थे। 

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