अर्जुन के नामों के अर्थ
Shreemad Bhagwat Gita: श्रीकृष्ण द्वारा श्रीमद भागवत गीता मूल रूप में संस्कृत भाषा में है। जिसमें श्रीकृष्ण द्वारा प्रयोग किये गए अर्जुन के सभी संस्कृत नामों के अर्थ हिंदी में नीचे प्रकाशित है।
अर्जुन के नामों के अर्थ
- अनघः पापरहित, निष्पाप।
- कपिध्वजः जिसके ध्वज पर कपि माने हनुमान जी हैं वह।
- कुरुश्रेष्ठः कुरुकुल में उत्पन्न होने वालों में श्रेष्ठ।
- कुरुनन्दनः कुरुवंश के राजा के पुत्र।
- कुरुप्रवीरः कुरुकुल में जन्मे हुए पुरुषों में विशेष तेजस्वी।
- कौन्तेयः कुंती का पुत्र।
- गुडाकेशः निद्रा को जीतने वाला, निद्रा का स्वामी अथवा गुडाक माने शिव जिसके स्वामी हैं वह।
- धनंजयः दिग्विजय में सर्व राजाओं को जीतने वाला।
- धनुर्धरः धनुष को धारण करने वाला।
- परंतपः परम तपस्वी अथवा शत्रुओं को बहुत तपाने वाला।
- पार्थः पृथा माने कुंती का पुत्र।
- पुरुषव्याघ्रः पुरुषों में व्याघ्र जैसा।
- पुरुषर्षभः पुरुषों में ऋषभ माने श्रेष्ठ।
- पाण्डवः पाण्डु का पुत्र।
- भरतश्रेष्ठः भरत के वंशजों में श्रेष्ठ।
- भरतसत्तमः भरतवंशियों में श्रेष्ठ।
- भरतर्षभः भरतवंशियों में श्रेष्ठ।
- भारतः भा माने ब्रह्मविद्या में अति प्रेमवाला अथवा भरत का वंशज।
- महाबाहुः बड़े हाथों वाला।
- सव्यसाचिन् बायें हाथ से भी सरसन्धान करने वाला।