किसकी नेमत - अकबर बीरबल की कहानी
किसकी नेमत - अकबर बीरबल की कहानी
बादशाह अकबर प्राय: भेष बदलकर सैर के लिए निकला करते थे। एक दिन वह बीरबल के साथ भेष बदलकर शहर से बाहर एक गांव में पहुंचे। वहां बादशाह ने। देखा कि एक कुत्ता रोटी के टुकड़े को, जो कई दिनों की हो जाने की वजह से सूख कर काली पड़ गई थी, चबा-चबाकर खा रहा था। अचानक बादशाह को दिल्लगी करने की सूझी। वह बोले, “बीरबल! देखा, वह कुत्ता काली को खा रहा है। “
'काली' बीरबल की मां का नाम था। वह समझ गये कि आलमपनाह दिल्लगी कर रहे हैं। किन्तु इस भावना को दबाकर वे तुरन्त बोले, “आलमपनाह, उनके लिए वही जिन्दगी और नेमत हैं“
नेमत बादशाह की मां का नाम था। बीरबल के जवाब को सुनकर बादशाह को चुप हो जाना पड़ा।
Whose Destinity - Akbar Birbal Story
Emperor Akbar used to change his customs often for a walk. One day, he came to a village outside the city by changing the illusion with Birbal. There the emperor there It was noticed that a dog was eating a piece of bread, which had become dry due to the many days of being dry and was eating chew and chewing. Suddenly, the King was afraid to laugh. He said, "Birbal! See, that dog is eating kali. "
The name of 'Kali' Birbal was the mother's name. He understood that lamenting is not done. But by pressing on this feeling, they immediately said, "hello, they are the same life and honor for them"
Neemat was the name of the king's mother. The emperor had to keep quiet after hearing Birbal's answer.