तीन- तीन गधों का बोझ - अकबर बीरबल की कहानी
तीन- तीन गधों का बोझ - अकबर बीरबल की कहानी
बादशाह और उसके दो पुत्रो को नदी में नहाने का शौक था। बीरबल भी कभी-कभी उनके साथ नदी जाता था पर कभी नदी में नहाता नही था। बादशाह और उसके दो पुत्र एक दिन बीरबल के साथ नदी में नहाने गए और नदी में नहाने लगे। बीरबल नदी के किनारे जाकर बैठ गया और बादशाह और उनके पुत्रो के वस्त्रों की नदी किनारे रखवाली करने लगा। बीरबल ने उनके वस्त्र अपने कंधो पर टांग लिये। बादशाह को बीरबल को हमेशा से छेड़ते रहने की आदत थी। नदी में खड़े खड़े बादशाह सलामत ने बीरबल को छेड़ा और कहा कि ऐसा लगता है कि तुम्हारे कंधो पर एक गधे का बोझ लदा है।
बीरबल भला कब चुप रहने वाले थे तुंरत बोले, "हुजूर एक नही दो नही तीन गधों का"
बादशाह यह सुनकर फौरन चुप्पी साध गए क्योकि तीनो के वस्त्र बीरबल ने अपने कंधो पर लटका रखे थे।
Three-three Donkey's assortment - Akbar Birbal Story
The king and his two sons were fond of bathing in the river. Birbal also sometimes used to go to the river with him but never bathed in the river. The king and his two sons went to Bath in the river along with Birbal and one day started taking bath in the river. Birbal went to the banks of the river and started guarding the banks of the king and his sons. Birbal put his clothes on his shoulders. The king had a habit of always teasing Birbal. Standing in the river, Emperor Salam teased Birbal and said that it looks like you have a donkey burden on your shoulders.
Birbal was also going to be silent when he said, "Hujoor does not give one, three donkeys"
The Emperor immediately kept silent as the two of them kept Birbal's clothes hanging on his shoulders.