अब तो आन पड़ी है - अकबर बीरबल की कहानी
अब तो आन पड़ी है - अकबर बीरबल की कहानी
अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-
”आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”
सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।
बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी,
”तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।”
उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-”यह सब क्या है ?”
सेठों के मुखिया ने कहा-
”जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?”
बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।
Now it is on time - Akbar Birbal Story
Akbar used to make fun of the emperor One day he told the Seth of the city-
"From today you will have to guard the people."
Seth got scared and reached Birbal and kept his complaint.
Birbal raised his courage,
"You all wrap your pugs in the foot and pajamas on the head and in the night at night, screaming and crying in the city, now it is done."
The emperor also turned out to change the trail to patrol the city. Seeing this strange connotation of Seth, the King laughed at first, then said, "What is all this?"
Setho's chief said: "Japnah, we have come to learn the work of selling jaggery and oil from the birth of Seth, what would you be able to do, if the people knew this, why would people call us as a bania?"
Emperor Akbar understood the move of Birbal and withdrew his order.
Emperor Akbar understood the move of Birbal and withdrew his order.