बादशाह का गुस्सा - अकबर बीरबल की कहानी
बादशाह का गुस्सा - अकबर बीरबल की कहानी
बादशाह अकबर अपनी बेगम से किसी बात पर नाराज हो गए। नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उन्हें बेगम को मायके जाने को कह दिया। बेगम ने सोचा कि शायद बादशाह ने गुस्से में ऐसा कहा है, इसलिए वह मायके नहीं गईं। जब बादशाह ने देखा कि बेगम अभी तक मायके नहीं गई हैं तो उन्होंने गुस्से में कहा—”तुम अभी तक यहीं हो, गई नहीं, सुबह होते ही अपने मायके चली जाना वरना अच्छा न होगा। तुम चाहो तो अपनी मनपसंद चीज साथ ले जा सकती हो।”
बेगम सिसक कर जनानखाने में चली गईं। वहां जाकर उसने बीरबल को बुलाया। बीरबल बेगम के सामने पेश हो गया। बेगम ने बादशाह की नाराजगी के बारे में बताया और उनके हुक्म को भी बता दिया ।
“बेगम साहिबा अगर बादशाह ने हुक्म दिया है तो जाना ही पड़ेगा, और अपनी मनपसंद चीज ले जाने की बाबत जैसा मैं कहता हूं वैसा ही करें, बादशाह की नाराजगी भी दूर हो जाएगी।”
बेगम ने बीरबल से कहे अनुसार बादशाह को रात में नींद की दवा दे दी और उन्हें नींद में ही पालकी में डालकर अपने साथ मायके ले आई और एक सुसज्जित शयनकक्ष में सुला दिया। जब बादशाह की नींद खुली तो स्वयं को अनजाने स्थान पर पाकर हैरान हो गए, पुकारा—”कोई है ?”
उनकी बेगम साहिबा उपस्थित हुईं। बेगम को वहां देखकर वे समझ गए कि वे अपनी ससुराल में हैं। उन्होंने गुस्से से पूछा—”तुम हमें भी यहां ले आई, इतनी बड़ी गुस्ताखी कर डाली …।”
“मेरे सरताज, आपने ही तो कहा था कि अपनी मन पसंद चीज ले जाना…इसलिए आपको ले आई।”
यह सुनकर बादशाह का गुस्सा जाता रहा, मुस्कराकर बोले—”जरूर तुम्हें यह तरकीब बीरबल ने ही बताई होगी।”
बेगम ने हामी भरते हुए सिर हिला दिया।
King's anger - Akbar Birbal Story
Emperor Akbar became angry with his uncle The uproar grew so much that he told Begum to go to the maiden. Begum thought that perhaps the king had said so in anger, so she did not go to maternal ailment. When the king saw that Begum has not yet gone to the maiden, he said in anger - "You have not been here yet, have not gone, it will not be better if you go to your maternal house in the morning. You can take your favorite thing with you. "
Begum sits in the public life He went there and called Birbal. Beerbal Begum appeared before Begum told about the emperor's displeasure and told his order too.
"Begum sahiba, if the ruler has ordered it, it will have to go, and in relation to carrying my favorite things, do as I say, the emperor's resentment will also be overcome."
Begum asked Birbal as he gave sleeping medicine to the king in the night and put him in a sleeping place and brought a maiden with him and started sleeping in a well-equipped bedroom. When the King's sleep opened, he was surprised to find himself in an unknown place, called "someone?"
His Begum Sahib was present. Seeing Begum there, she understood that she is in her in-laws. He asked angrily- "You brought us here too, make such a big mistake ...."
"My lord, you said only that your mind was taking things away ... so you came."
On hearing this the emperor got angry, smiled and said, "Surely you have told this idea Birbal only."
Begum shook her head, humming.