शेखचिल्ली का कैसे नाम पड़ा शेखचिल्ली
Sekh Cilli Ki Kahani- हम सभी अगर मजेदार कहानिया पढ़ते हैं या हमें हंसने वाली कहानियाँ पसंद है तो हम सेखचिल्ली नाम से जरूर परिचित होंगे। क्यूंकी हम बचपन से ही शेखचिल्ली की कहानियाँ और किस्से पढ़ते आ रहें हैं।
अगर आप जानना चाहते हैं की शेखचिल्ली का नाम शेखचिल्ली कैसे पड़ा? तो आप इस किस्से को पूरा जरूर पढे आपको जानकर बहुत ही हंसी आएगी। कि इनके नाम के पीछे भी एक गहरा राज़ छिपा हुआ है।
कैसे नाम पड़ा शेखचिल्ली?
शेखचिल्ली के बारे में यही कहा जाता है कि उसका जन्म किसी गांव में एक गरीब शेख परिवार में हुआ था। पिता बचपन में ही गुजर गए थे, मां ने पाल-पोस कर बड़ा किया। मां सोचती थी कि एक दिन बेटा बड़ा होकर कमाएगा तो गरीबी दूर होगी।
उसने बेटे को पढ़ने के लिए मदरसे में दाखिला दिला दिया। सब बच्चे उसे 'शेख' कहा करते थे। मौलवी साहब ने पढ़ाया, लड़का है तो 'खाता' है और लड़की है तो 'खाती' है । जैसे रहमान जा रहा है, रजिया जा रही है।
एक दिन एक लड़की कुएं में गिर पड़ी। वह मदद के लिए चिल्ला रही थी। शेख दौड़कर साथियों के पास आया और बोला वह मदद के लिए चिल्ली रही है। पहले तो लड़के समझे नहीं। फिर शेखचिल्ली उन्हें कुएं पर ले गया। उन्होंने लड़की को बाहर निकाला। वह रो रही थी। शेख बार-बार समझा रहा था- 'देखो, कैसे चिल्ली रही है। ठीक हो जाएगी।
एक दिन एक लड़की कुएं में गिर पड़ी। वह मदद के लिए चिल्ला रही थी। शेख दौड़कर साथियों के पास आया और बोला वह मदद के लिए चिल्ली रही है। पहले तो लड़के समझे नहीं। फिर शेखचिल्ली उन्हें कुएं पर ले गया। उन्होंने लड़की को बाहर निकाला। वह रो रही थी। शेख बार-बार समझा रहा था- 'देखो, कैसे चिल्ली रही है। ठीक हो जाएगी।
किसी ने पूछा- 'शेख! तू बार-बार इससे 'चिल्ली-चिल्ली क्यों कह रहा है?
शेख बोला- 'लड़की है तो 'चिल्ली' ही तो कहेंगे। लड़का होता तो कहता चिल्ला मत।
लड़कों ने शेख की मूर्खता समझ ली और उसे 'चिल्ली-चिल्ली' कहकर चिढ़ाने लगे।
उसका तो फिर नाम ही 'शेखचिल्ली हो गया।
शेख बोला- 'लड़की है तो 'चिल्ली' ही तो कहेंगे। लड़का होता तो कहता चिल्ला मत।
लड़कों ने शेख की मूर्खता समझ ली और उसे 'चिल्ली-चिल्ली' कहकर चिढ़ाने लगे।
उसका तो फिर नाम ही 'शेखचिल्ली हो गया।
असल बात फिर भी शेख चिल्ली की समझ में न आई। न ही उसने नाम बदलने का बुरा माना।
How did the name go Shekh Chilli?
It is said about Sheikh Chilli that he was born in a village in a poor Sheikh family. The father had passed away only in childhood, the mother raised her sibling. Mother thought that poverty would be overcome if one day the son grows up.
He enrolled in the madrasa to read the son. All the children used to call him 'Sheikh' Maulvi Saheb taught, boy is 'account' and 'girl' is 'khoti'. Like Rahim is going, Razia is going.
One day a girl fell into the well. She was screaming for help. Sheikh came running to his companions and said he is crying for help. At first the boy did not understand. Then the Sheikhhalini took them to the well. They pulled out the girl. She was crying. Sheikh was repeatedly explaining - 'Look, how is a chilli. Will be fine
Someone asked- 'Sheikh! Why are you saying 'chilly-chilli' repeatedly?
She said, 'If you are a girl, then you will say' chili '. If there were a boy then do not scream saying.
The boys understood Shaikh's folly and started teasing by calling him 'Chili-Chili'.
Then the name itself became 'Shekhchilli'.
She said, 'If you are a girl, then you will say' chili '. If there were a boy then do not scream saying.
The boys understood Shaikh's folly and started teasing by calling him 'Chili-Chili'.
Then the name itself became 'Shekhchilli'.
The fact is that even though Sheikh's daughter did not understand Nor did he mind to change his name.