सब बह जाएंगे - अकबर बीरबल की कहानी
सब बह जाएंगे - अकबर बीरबल की कहानी
बादशाह अकबर और बीरबल शिकार पर गए हुए थे। उनके साथ कुछ सैनिक तथा सेवक भी थे। शिकार से लौटते समय एक गांव से गुजरते हुए बादशाह अकबर ने उस गांव के बारे में जानने की जिज्ञासा हुई। उन्होंने इस बारे में बीरबल से कहा तो उसने जवाब दिया—”हुजूर, मैं तो इस गांव के बारे में कुछ नहीं जानता, किंतु इसी गांव के किसी बाशिन्दे से पूछकर बताता हूं।”
बीरबल ने एक आदमी को बुलाकर पूछा—”क्यों भई, इस गांव में सब ठीक-ठाक तो है न?”
उस आदमी ने बादशाह को पहचान लिया और बोला—”हुजूर आपके राज में कोई कमी कैसे हो सकती है।”
“तुम्हारा नाम क्या है?” बादशाह ने पूछा।
“गंगा”
“तुम्हारे पिता का नाम?”
“जमुना"
"और मां का नाम सरस्वती है?”
“हुजूर, नर्मदा।”
यह सुनकर बीरबल ने चुटकी ली और बोला—”हुजूर तुरन्त पीछे हट जाइए। यदि आपके पास नाव हो तभी आगे बढ़ें वरना नदियों के इस गांव में तो डूब जाने का खतरा है।”
यह सुनकर बादशाह अकबर हंसे बगैर न रह सके।
All will be swept away - Akbar Birbal Story
Emperor Akbar and Birbal were on the hunt. There were some soldiers and servants along with them. While returning from hunt, passing through a village, Emperor Akbar inquired about the village. He told Birbal about this, then he replied - "Huzur, I do not know anything about this village, but I can tell anyone from this village and ask him."
Birbal called a man and asked- "Why Bhai, this village is all right, right?"
The man recognized the King and said, "How can there be no defect in your kingdom?"
"What is your name?" Asked the king.
"Ganges"
"Your father's name?"
"Jamuna"
"And mother's name is Saraswati?"
"Hujoor, Narmada."
Upon hearing this, Birbal got a pinch and said, "Hurry back immediately. If you have a boat, then go ahead or else there is danger of drowning in this village of rivers. "
Upon hearing this, the emperor Akbar could not live without laugh.