छठ मईया की आरती | Chhath Maiya ki Aarti In Hindi
हर छठ मईया की आरती (Chhath Maiya Ki Aarti)- किसी भी देवी देवता की पूजा करने का एक महत्वपूर्ण विधि विधान होता है। हर पूजन मे आरती और चालीसा का विशेष स्थान होता है। और माना जाता है की इनके बिना आपकी पूजा विधिवत सम्पन्न नही होती है।
छ्ठ पूजा पूर्वी भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है इसमे व्रत रखा जाता है। इसके पश्चात छ्ठ मैया की पूजा एवं आरती (Chhath Maiya Ki Aarti) की जाती है। छठ मईया की आरती करना उतना ही आवश्यक माना जाता है जितना छठ व्रत करना। छठ पूजा को व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है। जानिए छठ मईया की आरती-
छठ मईया की आरती Chhath Maiya ki Aarti In Hindi
जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मां लक्ष्मी का आर्शीवाद मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय॥
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