Om Jai Jagdish Hare Aarti - भगवान विष्णु जी की आरती
Om Jai Jagdish Hare, Vishnu Ji Ki Aarti : भगवान विष्णु को हिन्दू देवताओं के तीन स्तंभों मे एक माना जाता है, जब कभी भी पृथ्वी पर असुरों का अत्याचार बढ़ा था। तब हर युग मे भगवान विष्णु ने अवतार लिया है और पृथ्वी वासियों की असुरों से रक्षा की है। इसलिए बहुत ही प्राचीन समय से भगवान विष्णु के प्रति उनके भक्तों का स्नेह बढ़ता ही चला गया।
ॐ जय जगदीश हरे आरती
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
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Om Jai Jagdish Hare Aarti |
Om Jay Jagdish Hare Aarti Lyrics
Om Jay Jagdish Hare,
Swami Jaye Jagdish Hare॥
Bhagt Jano Ke Sankat,
Khshan Mein Door Kare॥
॥ Om Jay Jagdish Hare...॥
Jo Dhaywe Phal Pave,
Dukh Vinse Man Ka॥
Sukh Sampati Ghar Aave,
Kasht Mite Tan Ka॥
॥ Om Jay Jagdish Hare...॥
Maat-Pita Tum Mere,
Sharan Gahun Kiskee॥
Tum Bin Aur Na Duja,
Aas Karun Jiskee॥
॥ Om Jay Jagdish Hare...॥
Tum Antaryami॥
Par-Brahm Parmeshwar,
Tum Sabke Swami॥
॥ Om Jay Jagdish Hare...॥
Tum Karuna Ke Saagar,
Tum Palankarta॥
Main Moorakh Khal Kami,
Mein Sewak Tum Swami,
Kripa Karo Bharta ...
॥ Om Jay Jagdish Hare...॥
Tum Ho Ek Agochar,
Sabke Pran Pati॥
Kis Vidhi Milun Dayamay,
Tumko Main Kumti॥
॥ Om Jay Jagdish Hare...॥
Thakur Tum Mere,
Swami Rakshak Tum Mere॥
Apne Hath Uthaao,
Apni Sharan Lagao,
Dwar Para Tere ...
॥ Om Jay Jagdish Hare...॥
Vishay Vikaar Mitaao,
Paap Haro Deva॥
Shradha Bhakti Badhaao,
Santan Ki Sewa॥
Om Jaye Jagdish Hare,
Swami Jaye Jagdish Hare॥
Bhagt Jano Ke Sankat,
Khshan Mein Door Kare॥
भगवान विष्णु अपने भक्तों के लिए अत्यंत उदार व्यक्तित्व के देवता है। जिन्होने अपने भक्त प्रह्लाद के लिए नरसिंह का रूप धारित करके हिरणकश्यप और होलिका के अहंकार को चूर चूर किया और अपने भक्त की रक्षा की। इसके साथ विभिन्न युगों मे राम और श्री कृष्ण अवतार से जनमानस की रक्षा की है। इसलिए भगवान विष्णु की पूजा को बड़ी श्रद्धा के साथ करना चाहिए। पूजा अर्चना मे Om Jai Jagdish Hare Aarti का गायन भी अवश्य करना चाहिए।
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